Tuesday, September 1, 2015

वर्तमान घटनाक्रम पर प्रस्तुत हैं कुछ हाइकु।

1. हीरे सी लगे
  ग्लैमर की दुनिया
   कांच ही कांच

2 दौड़ते लोग
  उपभोक्तावाद में
   मज़िल नहीं

3 काले चेहरे
   सफेदपोश लोग
   टूटते रिश्ते

4 पैसों की भूख
  रिश्ते बने मजाक
   हुआ व्यापार

5 कलयुगी माँ
बेटी बनी दुश्मन
पैसा ही दोस्त

6 खुली  परतें
  चेहरा बेनकाब
   झूठ ही झूठ

   मंजुश्री

3 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" गुरुवार 03 सितम्बर 2015 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

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    1. हार्दिक आभार यशोदा जी। मैं जरूर आउंगी

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  2. कटु यथार्थ ! क्या पैसा ही सब कुछ रह गया है आज की दुनिया में ? अमानवीय प्रसंग !

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